बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर जंगल था जहाँ सभी जानवर हँसी-खुशी रहते थे। इस जंगल में एक नन्ही चिड़िया रहती थी, जिसका नाम था टिमकी। टिमकी को गाना गाना बहुत पसंद था। वह हर सुबह अपनी मीठी आवाज़ में जंगल को जगा देती थी।

लेकिन टिमकी को एक बात का हमेशा दुख रहता था—उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी। जब वह गाना गाती, तो बाकी जानवर कह देते, “अरे टिमकी, ज़रा ज़ोर से गाओ, हमें कुछ सुनाई ही नहीं देता!” इससे टिमकी उदास हो जाती।

एक दिन, जंगल में एक बूढ़ा उल्लू आया। वह बहुत समझदार था और उसके पास कई जादुई चीज़ें थीं। टिमकी ने हिम्मत करके उससे अपनी समस्या बताई। उल्लू मुस्कराया और एक चमकीला बीज टिमकी को देते हुए बोला, “यह है संगीत का जादुई बीज। इसे अच्छे कामों से सींचो, और यह तुम्हें वो आवाज़ देगा जो सबको खुश कर देगी।”

टिमकी हैरान हो गई। “अच्छे कामों से सींचो?” वह सोचने लगी, “इसका मतलब क्या है?”

उल्लू बोला, “इस बीज को ज़मीन में लगाओ और हर दिन किसी की मदद करो, सच्चाई से पेश आओ, और अपने मन से कोई प्यारा गीत गाओ। हर अच्छे काम से यह बीज बड़ा होगा।”

टिमकी ने वैसा ही किया। अगले दिन उसने एक गिलहरी को उसके खोए हुए मेवे ढूंढ़ने में मदद की। फिर एक घायल तितली के पंखों पर पत्तों का लेप लगाया। हर शाम वह अपने दिल से कोई मधुर गीत गाती और बीज के पास बैठती।

धीरे-धीरे बीज से एक सुंदर पौधा निकला। फिर उसमें चमकीले फूल खिले और एक दिन… उसमें से एक सुनहरी सीटी निकली! जैसे ही टिमकी ने उस सीटी को छुआ, उसकी आवाज़ में जादू आ गया!

अब जब वह गाना गाती, तो पूरा जंगल थम जाता। पेड़ झूमने लगते, जानवर मुस्कुराने लगते, और पक्षी उसके साथ सुर में सुर मिलाने लगते।

जंगल के राजा शेर ने एक दिन उसे बुलाकर कहा, “टिमकी, तुम्हारी आवाज़ में सच्चाई, दया और मेहनत की मिठास है। आज से तुम हमारे जंगल की संगीत रानी हो!”

टिमकी की आँखों में ख़ुशी के आँसू आ गए। उसे समझ आ गया कि असली जादू दूसरों की मदद करने और सच्चे दिल से कुछ करने में होता है।


Moral: “सच्चे दिल से किया गया हर काम एक बीज है, जो समय आने पर जादुई फल देता है।”